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सतगुरू कौन होता है ? कबीर साहिब ने पूरे सतगुरू की क्या पहचान बताई है, जानें ...



शब्द शब्द सब कोई बखानै ।
शब्द भेद कोई नहीं जानै ।।
ज्ञानी गुणी कवीश्वर पण्डित ।
सबहिन कीन्ह शब्द को मंडित ।।
शब्द सुरति आवै संसारा ।
आपै समरथ रहे नियारा ।।
शब्द अगम गति पावै नाहिं ।
भूलि रहे सब भर्मे माहिं ।।
जब साधक जिज्ञासु भलि भांति सतगुरु के विचार सत्संग से सतुंष्ट हो जाए, तब सतगुरू का उपदेश ग्रहण करे । उपदेश के समय यदि सतगुरू वाणी वचन द्वारा मन्त्र जप अनहद जप आदि जैसी कोई भी साधना का संकेत दे तोह कदापि स्वीकार न करें । अपितु इनसे प्रेम प्रार्थना के माध्यम से सार शब्द की जानकारी लें । यदि इतने पर वह सार शब्द का उपदेश करने में असमर्थ रहे तोह वह सतगुरु कदापि नहीं है । वह तोह सतगुरू का भेस धारण कर जीवों को धोखे में डालने वाला मन मुखी मत वाला गुरू है जिसे काल एजेंट भी कहा गया है । सतगुरू बनाने से पूर्व पूरी छानबीन कर लें यदि इसके बाद भी कभी भूल त्रुटि हो जाये तोह गुरू का त्याग करने में संकोच नहीं करना चाहिए ।
कबीर साहिब कहते हैं -
जग लग मिलै शब्द नहि साँचा ।
कीजै गुरू एक से पाँचा ।।
हां यदि सार शब्द के भेदी सतगुरु का त्याग करोगे तोह अवश्य ही अपराधी कहलाओगे और सज़ा पाओगे । सज़ा गुरू नहीं बल्कि काल देगा मन देगा क्योंकि आपको पुनः कर्म फल भोगने देह धारण करके आना पड़ेगा ।
भूल आधार के प्रति सतगुरू कबीर साहिब क्या कहते हैं ध्यान से पढ़ें :-
भूल मिटै गुरू मिलै पारखी, पारख देइ लखाई ।
कहे कबीर भूल की औषधि, सार शब्द है भाई ।।
जब पारखी, सार शब्द का मरहमी गुरू मिल जाए फिर दिल में रंच मात्र की भी शंका, भ्रम, संदेह एवं भय नहीं रखना चाहिए । तन मन धन सब कुछ गुरू के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए । वह जो कुछ कहे उसका पालन बिना हित अनहित का विचार किये करना चाहिए । जो नहीं करेगा वो अवश्य पश्चाताप करेगा इसमें कोई संदेह नहीं है ।

सतगुरू कबीर साहिब के संबंध में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के जैसा है । सतगुरू कबीर ही आदि के गुरू हैं और वही जीव के हितैषी भी हैं । वह स्वयं कहते हैं -
कहे कबीर हम आदि के अदली,
लाये हुकुम हज़ूर ।
यम की लास देख रूहों पर,
समरथ वचन कबूल ।।
कबीर साहिब कहते हैं हम सबसे पहले आदि के अदली परमात्मा सत्यपुरुष का सन्देशा लेकर आएं हैं क्योंकि जब हमने मन मुखी होकर कर्मों के दुख भोगती त्रास करती रूहों को सुना तोह उस आदि सत्य का भेद देकर जीवों का कल्याण करने मुझे धरातल पर आना पड़ा ।
साहिब बंदगी

Comments

  1. Replies
    1. Mujhe vairagya saheb ka number de dijiye please 🥺

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